GETTING MY SHIV CHAISA TO WORK

Getting My Shiv chaisa To Work

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

O Lord, Purari, you saved all Deities and mankind by defeating and destroying the demons Tripurasur. You blessed your devotee Bhagirath and he was capable to accomplish his Vow immediately after demanding penance.

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

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अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती Shiv chaisa है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

बृहस्पतिदेव की कथा

कीन्ही दया तहं करी सहाई। shiv chalisa lyricsl नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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